युपी विधानसभा चुनाव में साफ-सुथरी छवि लेकर जाने के अखिलेश यादव की कोशिशों को सोमवार को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब समाजवादी पार्टी ने अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी को महाराजगंज जिले के नौतनवा से टिकट देने की घोषणा कर दी। जबकि आपराधिक छवि की वजह से ही मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल से विलय ना करने को लेकर अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव में ठन गई थी।
पूर्व मंत्री के बेटे अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ सीबीआई अपनी पत्नी सारा सिंह के हत्या की जांच कर रही है। उनके खिलाफ जांच की सिफारिश खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ही की थी। इससे पहले भी अमन मणि त्रिपाठी अपहरण के एक मामले में जेल की हवा खा चुके हैं। और अमन मणि त्रिपाठी के पिता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी सीमा सिंह दोनों मधुमिता हत्याकांड के मामले में जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
अमनमणि को टिकट दिए जाने की खबर आते ही उनकी पूर्व पत्नी सारा सिंह के घर में मातम छा गया। सारा की मां सीमा सिंह का रो-रोकर बुरा हाल हो गई है। अमनमणि को सजा दिलाने के लिए उन्होंने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से लेकर मुख्यमुत्री अखिलेश यादव तक के यहां काफी चक्कर लगाए थे। सीमा सिंह ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ हत्या के मामले में सीबीआई की जांच चल रही हो, मुलायम सिंह यादव ऐसे व्यक्ति को विधायक बनाकर विधानसभा में बिठाना चाहते हैं। सीमा सिंह ने कहा कि अब तक उन्हें यकीन नही था लेकिन अब हो गया है की समाजवादी पार्टी की सरकार सचमुच गुंडों की सरकार है।